Saturday, 20 February 2016




  • दुनियाँ में इतनी रस्में क्यों हैं, प्यार अगर ज़िंदगी है तो इसमें कसमें क्यों हैं, हमें बताता क्यों नहीं ये राज़ कोई, दिल अगर अपना है तो किसी और के बस में क्यों है
  • मेरी दिल की दिवार पर तस्वीर हो तेरी.. और तेरे हाथों में हो तकदीर मेरी।



  • दिल मे छूपा रखी.. है मुहब्बत काले धन की तरह… खुलासा नही करता हू कि कही हंगामा ना हो जाये.
  • वो शाम का दायरा मिटने नहीं देते , हमसे सुबहे का इंतज़ार होता नहीं है ।
  • एक हसरत थी की कभी वो भी हमे मनाये..पर ये कम्ब्खत दिल कभी उनसे रूठा ही नही।
  • पहले तो यूं ही गुज़र जाती थीं , मोहोब्बत हुई… तो रातों का एहसास हुआ..।।
  • लोग हर बार यही पूछते हैं तुमने उसमें क्या देखा , मैं हर बार यही कहता हूँ , बेवजह होती है मोहब्बत।



  • क्या ऐसा नहीं हो सकता हम प्यार मांगे… और तुम गले लगा के कहो, “और कुछ?”


  • काश…!! एक खवाहिश पूरी हो इबादत के बगैर…!!! वो आ कर गले लगा ले…..मेरी इजाजत के बगैर!!!!!
  • तुम मुझे अच्छे या बुरे नहीं लगते बस अपने लगते हो।



  • प्यार अगर सच्चा हो तो कभी नहीं बदलता न वक़्त के साथ न हलात के साथ
  • कहतें हैं कि मोहबत एक बार होती है..पर मैं जब जब उसे देखता हूँ..मुझे हर बार होती है॥

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